अपनी अपनी धुन पर नाचने वालों को छोड़,
जहाँ सुन सकूँ प्रकृति की साश्वत ध्वनियों को।
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#पाठकपुराण की ओर से शुभरात्रि साथियो.....😊💐💐💐💐💐
#yqdidi #yqbaba #yqhindi
हम भावों की मुट्ठी केवल अनुभावों के हित खोलेंगे। अपनी चौखट के अंदर से आँखों आँखों में बोलेंगे। ना लांघे प्रेम देहरी को! बेशक़ दरवाज़े खोलेंगे...
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