लोकतंत्र के अभियानों की हलचल लेकर आता है।
जन-जन का उन्नायक बनकर मन से जो जुड़ जाता है।
संवाद सेतु का हेतु बनकर जो निर्भीक लिखे हरपल!
विचार क्रांति का वाहक बनकर सत्य हमें दिखलाता है।
अपराध निवारण करने में सहयोग सदा जो करता है।
कठिन घड़ी में प्रहरी बनकर ये सबको अवगत करता है।
सैनिक सा अख़बार मेरा यह चौकस रहता है हरदम!
साधक बनकर यह पाठक का,उत्साह दिलों में भरता है।
परिवर्तन का ज़रिया बनता!नहीं दिखावा करता है।
जीवन के हर पहलू को सामने सबके रखता है।
गाँव-शहर को जोड़ रहा जो शब्दों की पगडण्डी से!
नित नूतन संस्कारों का, यह बीजारोपण करता है।
शब्दों की लहरों में, सच्चाई जिसके बहती है।
होता नही दिखावा कोई,सिर्फ़ हक़ीक़त होती है।
दुनियां को बदला है जिसने,इतिहास गवाही देता है।
संस्कार का दीप जलाकर,जो अंधकार को खोता है।
जाति धर्म का भेद न जाने सबकी बातें सुनता है।
अख़बार मशीहों सा बनकर के,सबकी पीड़ा हरता है।
अद्भुद शक्ति समाहित इसमें ये विचार का वाहक है।
सामाजिकता का पोषक और लोकतंत्र का धावक है।
दुनिया भर की हलचल लिखता लिखता मन की पीड़ा को।
ये ऐसा जन सेवक है जो हर क्षण तत्पर रहता है।
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