Thursday, January 30, 2020

यसश्वी बनो

हमारा आज जब कल की कहानी कहता है
कल कलकल करता आज में ही बहता है !
हमारा साहित्य हमारी विरासतें क़माल हैं
आध्यात्म का ज्ञान हमारी रगों में बहता है !


मैं सभ्यता और धर्म की माँ की ओर से हूँ
इस बात की संसार गवाही देता है !
जीवात्मा में आत्मा परमात्मा का अंश है
दुनियां के सामने सिर्फ़ भारतीय संत कहता है ।

भिखारी को भीख में तो तिरस्कार ही मिलता है !
प्रेम के बदले तुम्हें दुःख मिला यह सोचते हो
लेने देने का भाव है तो हानि लाभ तो होगा ही
यसश्वी बनो देने वाले को हमेशा लाभ ही मिलता है !

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