जब इश्क़ किसी से हो जाये तो दिन भर चैन नही मिलता
रातें कटतीं तारे गिन गिन पल भर आराम नही मिलता !
पीली फ़टने को होते ही जब एक जम्हाई आती है
तब ही उसकी परछाई सपनों में मिलने आती है !
सिरहाने में बैठ मेरे वह देख मुझे मुस्काती है
जब आलिंगन मैं करता हूँ तो आँख मेरी खुल जाती है !
फिर पूरे कमरे में नज़र घुमा मैं अपना सिर खुजलाता हूँ
वह फ़िर आएगी सपने में यह सोच के मैं सो जाता हूँ !
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