Thursday, January 30, 2020

जब इश्क़ किसी से हो जाए

जब इश्क़ किसी से हो जाये तो दिन भर चैन नही मिलता
रातें कटतीं तारे गिन गिन पल भर आराम नही मिलता !

पीली फ़टने को होते ही जब एक जम्हाई आती है
तब ही उसकी परछाई सपनों में मिलने आती है !

सिरहाने में बैठ मेरे वह देख मुझे मुस्काती है
जब आलिंगन मैं करता हूँ तो आँख मेरी खुल जाती है !

फिर पूरे कमरे में नज़र घुमा मैं अपना सिर खुजलाता हूँ
वह फ़िर आएगी सपने में यह सोच के मैं सो जाता हूँ !

No comments:

Post a Comment

भावों की मुट्ठी।

 हम भावों की मुट्ठी केवल अनुभावों के हित खोलेंगे। अपनी चौखट के अंदर से आँखों आँखों में बोलेंगे। ना लांघे प्रेम देहरी को! बेशक़ दरवाज़े खोलेंगे...