मैं झगड़ के तुझसे रुठ जाऊँ तो मनाले मुझको
मैं तड़प के तुझसे दूर जाऊँ तो गले लगालो मुझको
वादा करो आज तुम मुझसे या लेलो कोई भी वादा
जुदा होने के ख़्वाब से डर जाऊँ-
इतना अपना बनालो मुझको !
मैं इश्क़ में तर हो जाऊँ तेरे तू ब-तर करले मुझको
मैं रश्क़ में ज़र हो जाऊँ तेरे तू बि-तर करले मुझको
दर-बदर की तलाश में मैं न रहूँ कभी अब
हम अकेले आते है अकेले ही जाते है किंतु आने के बाद और जाने से पहले रिश्ते बन जाते है।
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माता पिता भाई बंधु सगे संबंधियों के साथ हम बढ़ रहे होते है।
सभी रिश्ते अनमोल उपहार स्वरूप हमें मिलते हैं ।
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मित्रता एकमात्र ऐसा रिश्ता है जिसे हम स्वयं बनाते हैं इसलिए इसे निभाने के लिए और बेहतरी की आवश्यकता होती है ।
और अगर आज के दौर में आपका कोई मित्र विपरीत लिंगी है तो विशेष तौर पर सावधानी बरतने की आवश्यकता है ।
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अगर आप अपने माता पिता से अपने विपरीत लिंगी मित्र को मिला सकने की हिम्मत रखते हो तो ही मित्रता करें अन्यथा मित्रता न करने में ही भलाई है ।
क्योंकि आप जब अपने पेरेंट्स को धोखे में रख सकते हो तो ख़ुद को भी वही मिलेगा याद रखना ।
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मैं उन तमाम लड़कियों से कहना चाहता हूं जो अपने पापा से बेइंतहा प्यार तो करती हैं लेकिन अपने प्यार को उनके प्यार में मिलाकर दो गुना नहीं कर सकती।
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यही बात लड़कों पर भी लागू होती है अगर आप अपने प्यार को पेरेंट्स के साथ साझा नहीं कर सकते तो याद रखना तुम वादा तो कर दोगे पर उसे पूरा करने की औक़ात कहाँ से लाओगे ।
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माता पिता के आशीर्वाद से गुरुजनों बुजुर्गों के प्यार से ही वादा निभाने की कुबतें आती हैं ।
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#पाठक
#पंछी
#हरे कृष्ण
#promise day की हार्दिक शुभकामनाएं आपको ............
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