ओझल होते ही आंखों से दिल की धड़कन बढ़ जाती है
सांसो की खुशबू खो जाती तेरी याद बहुत ही आती है !
प्यार भरे दिल को झलका कर मैंने झाला कर डाला
लेकिन फिर भी कुछ लम्हों में तू ही तू दिख जाती है !
तोता मैना के किस्सों को फिर मैं लिखने लगता हूं
शब्दों के बिंबों में तुमको मारू सा लखने लगता हूं !
बोझिल होती इन पलकों पर तेरी छवि अंकित होती है
और बस फिर तो मैं ही खुद को ढोला गढ़ने लगता हूं !
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मुझे तो बिछड़ने की बहुत पुरानी आदत है
जाने जाना फिर भी तुमको मेरी इतनी चाहत है !
देख दूरियों की दस्तक से तुमको कितनी राहत है
मेरी बातों के बाणों से अब तो ना तू आहत है !
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