Sunday, February 16, 2020

रिश्ते

फ़ूल और फ़ल प्राप्त करने के लिए पौधा लगाना ही पर्याप्त नही है क्योंकि उसके वृक्ष होने तक पोषण और सरंक्षण की सतत ज़रूरत होती है !
रिश्तों की मिठास प्राप्त करने के लिए भी उनको पौधे की तरह संवर्धित करना होता है सींचना पड़ता है और बाढ़ लगाकर आवारा पशुओं से बचना पड़ता है !

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भावों की मुट्ठी।

 हम भावों की मुट्ठी केवल अनुभावों के हित खोलेंगे। अपनी चौखट के अंदर से आँखों आँखों में बोलेंगे। ना लांघे प्रेम देहरी को! बेशक़ दरवाज़े खोलेंगे...